अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System)
अंतःस्रावी तंत्र शरीर की एक महत्वपूर्ण नियंत्रण प्रणाली है जो विभिन्न ग्रंथियों द्वारा हार्मोन का स्रवण करती है। ये हार्मोन शरीर के विकास, चयापचय, प्रजनन और मूड को नियंत्रित करते हैं। यह तंत्र तंत्रिका तंत्र के साथ मिलकर शरीर की कार्यप्रणाली को संतुलित बनाए रखता है।
मुख्य अंग और ग्रंथियाँ
- पियूष ग्रंथि (Pituitary Gland): 'मुख्य ग्रंथि' जो अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित करती है
- थायरॉयड ग्रंथि: चयापचय दर को नियंत्रित करती है
- पैराथायरॉयड: कैल्शियम संतुलन बनाए रखती है
- अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal): तनाव और उत्तेजना से निपटने वाले हार्मोन बनाती है
- अग्न्याशय (Pancreas): इंसुलिन और ग्लूकागन से शर्करा स्तर नियंत्रित करता है
- अंडाशय/वृषण: यौन हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन बनाते हैं
- पीनियल ग्रंथि: नींद-जागरण चक्र को नियंत्रित करती है (मेलाटोनिन स्रवित करता है)
हार्मोन क्या हैं?
हार्मोन रासायनिक दूत होते हैं जो ग्रंथियों से स्रवित होकर रक्त द्वारा शरीर के लक्षित अंगों तक पहुँचते हैं और कार्यों को नियंत्रित करते हैं। ये बहुत ही कम मात्रा में भी प्रभावशाली होते हैं।
Mermaid चार्ट: ग्रंथियाँ और उनके हार्मोन
graph LR A[पियूष ग्रंथि] --> B[GH - वृद्धि हार्मोन] A --> C[TSH - थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन] D[थायरॉयड] --> E[थायरॉक्सिन] F[अग्न्याशय] --> G[इंसुलिन] F --> H[ग्लूकागन] I[अधिवृक्क] --> J[एड्रेनालिन] I --> K[कॉर्टिसोल] L[वृषण/अंडाशय] --> M[टेस्टोस्टेरोन/एस्ट्रोजन]
अंतःस्रावी तंत्र की विशेषताएँ
- हार्मोन धीमी लेकिन स्थायी प्रतिक्रिया लाते हैं
- इनका प्रभाव लक्षित अंगों पर पड़ता है
- अत्यंत कम मात्रा में भी कार्य करते हैं
- रक्त प्रवाह के माध्यम से पूरे शरीर में घूमते हैं
हार्मोन असंतुलन के प्रभाव
- थायरॉक्सिन की कमी: हाइपोथायरॉइडिज़्म
- इंसुलिन की कमी: मधुमेह (डायबिटीज)
- अधिक वृद्धि हार्मोन: जाइगैंटिज़्म
- कम वृद्धि हार्मोन: बौनेपन (Dwarfism)
स्वास्थ्य सुझाव
🥗 संतुलित आहार लें जिसमें आयोडीन, प्रोटीन और विटामिन हो
🧘 योग और तनावमुक्त जीवन अपनाएं, जिससे हार्मोन संतुलन बना रहे
🩺 नियमित जांच से हार्मोन संबंधी रोगों को रोका जा सकता है
इस पोस्ट का आनंद लिया? और जानकारियों के लिए हमारे Telegram चैनल से जुड़ें।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें